संस्कृत धातुरूप - ह्री (Samskrit Dhaturoop - hrI)
ह्री
लट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | जिह्रेति | जिह्रीतः | जिह्रियति |
मध्यमपुरुषः | जिह्रेषि | जिह्रीथः | जिह्रीथ |
उत्तमपुरुषः | जिह्रेमि | जिह्रीवः | जिह्रीमः |
लिट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | जिह्रयाञ्चकार, जिह्रयामास, जिह्रयाम्बभूव, जिह्राय | जिह्रयाञ्चक्रतुः, जिह्रयामासतुः, जिह्रयाम्बभूवतुः, जिह्रियतुः | जिह्रयाञ्चक्रुः, जिह्रयामासुः, जिह्रयाम्बभूवुः, जिह्रियुः |
मध्यमपुरुषः | जिह्रयाञ्चकर्थ, जिह्रयामासिथ, जिह्रयाम्बभूविथ, जिह्रयिथ, जिह्रेथ | जिह्रयाञ्चक्रथुः, जिह्रयामासथुः, जिह्रयाम्बभूवथुः, जिह्रियथुः | जिह्रयाञ्चक्र, जिह्रयामास, जिह्रयाम्बभूव, जिह्रिय |
उत्तमपुरुषः | जिह्रय, जिह्रयाञ्चकर, जिह्रयाञ्चकार, जिह्रयामास, जिह्रयाम्बभूव, जिह्राय | जिह्रयाञ्चकृव, जिह्रयामासिव, जिह्रयाम्बभूविव, जिह्रियिव | जिह्रयाञ्चकृम, जिह्रयामासिम, जिह्रयाम्बभूविम, जिह्रियिम |
लुट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | ह्रेता | ह्रेतारौ | ह्रेतारः |
मध्यमपुरुषः | ह्रेतासि | ह्रेतास्थः | ह्रेतास्थ |
उत्तमपुरुषः | ह्रेतास्मि | ह्रेतास्वः | ह्रेतास्मः |
लृट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | ह्रेष्यति | ह्रेष्यतः | ह्रेष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः | ह्रेष्यसि | ह्रेष्यथः | ह्रेष्यथ |
उत्तमपुरुषः | ह्रेष्यामि | ह्रेष्यावः | ह्रेष्यामः |
लोट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | जिह्रीतात्, जिह्रीताद्, जिह्रेतु | जिह्रीताम् | जिह्रियतु |
मध्यमपुरुषः | जिह्रीतात्, जिह्रीताद्, जिह्रीहि | जिह्रीतम् | जिह्रीत |
उत्तमपुरुषः | जिह्रयाणि | जिह्रयाव | जिह्रयाम |
लङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | अजिह्रेत्, अजिह्रेद् | अजिह्रीताम् | अजिह्रयुः |
मध्यमपुरुषः | अजिह्रेः | अजिह्रीतम् | अजिह्रीत |
उत्तमपुरुषः | अजिह्रयम् | अजिह्रीव | अजिह्रीम |
विधिलिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | जिह्रीयात्, जिह्रीयाद् | जिह्रीयाताम् | जिह्रीयुः |
मध्यमपुरुषः | जिह्रीयाः | जिह्रीयातम् | जिह्रीयात |
उत्तमपुरुषः | जिह्रीयाम् | जिह्रीयाव | जिह्रीयाम |
आशीर्लिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | ह्रीयात्, ह्रीयाद् | ह्रीयास्ताम् | ह्रीयासुः |
मध्यमपुरुषः | ह्रीयाः | ह्रीयास्तम् | ह्रीयास्त |
उत्तमपुरुषः | ह्रीयासम् | ह्रीयास्व | ह्रीयास्म |
लुङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | अह्रैषीत्, अह्रैषीद् | अह्रैष्टाम् | अह्रैषुः |
मध्यमपुरुषः | अह्रैषीः | अह्रैष्टम् | अह्रैष्ट |
उत्तमपुरुषः | अह्रैषम् | अह्रैष्व | अह्रैष्म |
लृङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | अह्रेष्यत्, अह्रेष्यद् | अह्रेष्यताम् | अह्रेष्यन् |
मध्यमपुरुषः | अह्रेष्यः | अह्रेष्यतम् | अह्रेष्यत |
उत्तमपुरुषः | अह्रेष्यम् | अह्रेष्याव | अह्रेष्याम |