संस्कृत धातुरूप - घस् (Samskrit Dhaturoop - ghas)
घस्
लट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घसति |
घसतः |
घसन्ति |
मध्यमपुरुषः |
घससि |
घसथः |
घसथ |
उत्तमपुरुषः |
घसामि |
घसावः |
घसामः |
लिट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
जघास |
जक्षतुः |
जक्षुः |
मध्यमपुरुषः |
जघसिथ |
जक्षथुः |
जक्ष |
उत्तमपुरुषः |
जघस, जघास |
जक्षिव |
जक्षिम |
लुट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घसिता |
घसितारौ |
घसितारः |
मध्यमपुरुषः |
घसितासि |
घसितास्थः |
घसितास्थ |
उत्तमपुरुषः |
घसितास्मि |
घसितास्वः |
घसितास्मः |
लृट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घसिष्यति |
घसिष्यतः |
घसिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
घसिष्यसि |
घसिष्यथः |
घसिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
घसिष्यामि |
घसिष्यावः |
घसिष्यामः |
लोट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घसतात्, घसताद्, घसतु |
घसताम् |
घसन्तु |
मध्यमपुरुषः |
घस, घसतात्, घसताद् |
घसतम् |
घसत |
उत्तमपुरुषः |
घसानि |
घसाव |
घसाम |
लङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अघसत्, अघसद् |
अघसताम् |
अघसन् |
मध्यमपुरुषः |
अघसः |
अघसतम् |
अघसत |
उत्तमपुरुषः |
अघसम् |
अघसाव |
अघसाम |
विधिलिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घसेत्, घसेद् |
घसेताम् |
घसेयुः |
मध्यमपुरुषः |
घसेः |
घसेतम् |
घसेत |
उत्तमपुरुषः |
घसेयम् |
घसेव |
घसेम |
आशीर्लिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
घस्यात्, घस्याद् |
घस्यास्ताम् |
घस्यासुः |
मध्यमपुरुषः |
घस्याः |
घस्यास्तम् |
घस्यास्त |
उत्तमपुरुषः |
घस्यासम् |
घस्यास्व |
घस्यास्म |
लुङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अघसत्, अघसद् |
अघसताम् |
अघसन् |
मध्यमपुरुषः |
अघसः |
अघसतम् |
अघसत |
उत्तमपुरुषः |
अघसम् |
अघसाव |
अघसाम |
लृङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अघसिष्यत्, अघसिष्यद् |
अघसिष्यताम् |
अघसिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अघसिष्यः |
अघसिष्यतम् |
अघसिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अघसिष्यम् |
अघसिष्याव |
अघसिष्याम |