संस्कृत धातुरूप - वृञ्ज् (Samskrit Dhaturoop - vRRi~nj)
वृञ्ज्
लट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृङ्क्ते |
वृञ्जाते |
वृञ्जते |
मध्यमपुरुषः |
वृङ्क्षे |
वृञ्जाथे |
वृङ्ग्ध्वे |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जे |
वृञ्ज्वहे |
वृञ्ज्महे |
लिट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
ववृञ्जे |
ववृञ्जाते |
ववृञ्जिरे |
मध्यमपुरुषः |
ववृञ्जिषे |
ववृञ्जाथे |
ववृञ्जिध्वे |
उत्तमपुरुषः |
ववृञ्जे |
ववृञ्जिवहे |
ववृञ्जिमहे |
लुट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृञ्जिता |
वृञ्जितारौ |
वृञ्जितारः |
मध्यमपुरुषः |
वृञ्जितासे |
वृञ्जितासाथे |
वृञ्जिताध्वे |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जिताहे |
वृञ्जितास्वहे |
वृञ्जितास्महे |
लृट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृञ्जिष्यते |
वृञ्जिष्येते |
वृञ्जिष्यन्ते |
मध्यमपुरुषः |
वृञ्जिष्यसे |
वृञ्जिष्येथे |
वृञ्जिष्यध्वे |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जिष्ये |
वृञ्जिष्यावहे |
वृञ्जिष्यामहे |
लोट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृङ्क्ताम् |
वृञ्जाताम् |
वृञ्जताम् |
मध्यमपुरुषः |
वृङ्क्ष्व |
वृञ्जाथाम् |
वृङ्ग्ध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जै |
वृञ्जावहै |
वृञ्जामहै |
लङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अवृङ्क्त |
अवृञ्जाताम् |
अवृञ्जत |
मध्यमपुरुषः |
अवृङ्क्थाः |
अवृञ्जाथाम् |
अवृङ्ग्ध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अवृञ्जि |
अवृञ्ज्वहि |
अवृञ्ज्महि |
विधिलिङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृञ्जीत |
वृञ्जीयाताम् |
वृञ्जीरन् |
मध्यमपुरुषः |
वृञ्जीथाः |
वृञ्जीयाथाम् |
वृञ्जीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जीय |
वृञ्जीवहि |
वृञ्जीमहि |
आशीर्लिङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
वृञ्जिषीष्ट |
वृञ्जिषीयास्ताम् |
वृञ्जिषीरन् |
मध्यमपुरुषः |
वृञ्जिषीष्ठाः |
वृञ्जिषीयास्थाम् |
वृञ्जिषीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
वृञ्जिषीय |
वृञ्जिषीवहि |
वृञ्जिषीमहि |
लुङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अवृञ्जिष्ट |
अवृञ्जिषाताम् |
अवृञ्जिषत |
मध्यमपुरुषः |
अवृञ्जिष्ठाः |
अवृञ्जिषाथाम् |
अवृञ्जिध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अवृञ्जिषि |
अवृञ्जिष्वहि |
अवृञ्जिष्महि |
लृङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अवृञ्जिष्यत |
अवृञ्जिष्येताम् |
अवृञ्जिष्यन्त |
मध्यमपुरुषः |
अवृञ्जिष्यथाः |
अवृञ्जिष्येथाम् |
अवृञ्जिष्यध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अवृञ्जिष्ये |
अवृञ्जिष्यावहि |
अवृञ्जिष्यामहि |