संस्कृत धातुरूप - कृ (Samskrit Dhaturoop - kRRi)
कृ
लट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृणोति |
कृणुतः |
कृण्वन्ति |
मध्यमपुरुषः |
कृणोषि |
कृणुथः |
कृणुथ |
उत्तमपुरुषः |
कृणोमि |
कृणुवः, कृण्वः |
कृणुमः, कृण्मः |
लिट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चकार |
चक्रतुः |
चक्रुः |
मध्यमपुरुषः |
चकर्थ |
चक्रथुः |
चक्र |
उत्तमपुरुषः |
चकर, चकार |
चकृव |
चकृम |
लुट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कर्ता |
कर्तारौ |
कर्तारः |
मध्यमपुरुषः |
कर्तासि |
कर्तास्थः |
कर्तास्थ |
उत्तमपुरुषः |
कर्तास्मि |
कर्तास्वः |
कर्तास्मः |
लृट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करिष्यति |
करिष्यतः |
करिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
करिष्यसि |
करिष्यथः |
करिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
करिष्यामि |
करिष्यावः |
करिष्यामः |
लोट्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृणुतात्, कृणुताद्, कृणोतु |
कृणुताम् |
कृण्वन्तु |
मध्यमपुरुषः |
कृणु, कृणुतात्, कृणुताद् |
कृणुतम् |
कृणुत |
उत्तमपुरुषः |
कृणवानि |
कृणवाव |
कृणवाम |
लङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकृणोत्, अकृणोद् |
अकृणुताम् |
अकृण्वन् |
मध्यमपुरुषः |
अकृणोः |
अकृणुतम् |
अकृणुत |
उत्तमपुरुषः |
अकृणवम् |
अकृणुव, अकृण्व |
अकृणुम, अकृण्म |
विधिलिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृणुयात्, कृणुयाद् |
कृणुयाताम् |
कृणुयुः |
मध्यमपुरुषः |
कृणुयाः |
कृणुयातम् |
कृणुयात |
उत्तमपुरुषः |
कृणुयाम् |
कृणुयाव |
कृणुयाम |
आशीर्लिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
क्रियात्, क्रियाद् |
क्रियास्ताम् |
क्रियासुः |
मध्यमपुरुषः |
क्रियाः |
क्रियास्तम् |
क्रियास्त |
उत्तमपुरुषः |
क्रियासम् |
क्रियास्व |
क्रियास्म |
लुङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकार्षीत्, अकार्षीद् |
अकार्ष्टाम् |
अकार्षुः |
मध्यमपुरुषः |
अकार्षीः |
अकार्ष्टम् |
अकार्ष्ट |
उत्तमपुरुषः |
अकार्षम् |
अकार्ष्व |
अकार्ष्म |
लृङ्लकारः (परस्मैपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकरिष्यत्, अकरिष्यद् |
अकरिष्यताम् |
अकरिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अकरिष्यः |
अकरिष्यतम् |
अकरिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अकरिष्यम् |
अकरिष्याव |
अकरिष्याम |
लट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृणुते |
कृण्वाते |
कृण्वते |
मध्यमपुरुषः |
कृणुषे |
कृण्वाथे |
कृणुध्वे |
उत्तमपुरुषः |
कृण्वे |
कृणुवहे, कृण्वहे |
कृणुमहे, कृण्महे |
लिट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चक्रे |
चक्राते |
चक्रिरे |
मध्यमपुरुषः |
चकृषे |
चक्राथे |
चकृढ्वे |
उत्तमपुरुषः |
चक्रे |
चकृवहे |
चकृमहे |
लुट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कर्ता |
कर्तारौ |
कर्तारः |
मध्यमपुरुषः |
कर्तासे |
कर्तासाथे |
कर्ताध्वे |
उत्तमपुरुषः |
कर्ताहे |
कर्तास्वहे |
कर्तास्महे |
लृट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करिष्यते |
करिष्येते |
करिष्यन्ते |
मध्यमपुरुषः |
करिष्यसे |
करिष्येथे |
करिष्यध्वे |
उत्तमपुरुषः |
करिष्ये |
करिष्यावहे |
करिष्यामहे |
लोट्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृणुताम् |
कृण्वाताम् |
कृण्वताम् |
मध्यमपुरुषः |
कृणुष्व |
कृण्वाथाम् |
कृणुध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
कृणवै |
कृणवावहै |
कृणवामहै |
लङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकृणुत |
अकृण्वाताम् |
अकृण्वत |
मध्यमपुरुषः |
अकृणुथाः |
अकृण्वाथाम् |
अकृणुध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकृण्वि |
अकृणुवहि, अकृण्वहि |
अकृणुमहि, अकृण्महि |
विधिलिङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृण्वीत |
कृण्वीयाताम् |
कृण्वीरन् |
मध्यमपुरुषः |
कृण्वीथाः |
कृण्वीयाथाम् |
कृण्वीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
कृण्वीय |
कृण्वीवहि |
कृण्वीमहि |
आशीर्लिङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृषीष्ट |
कृषीयास्ताम् |
कृषीरन् |
मध्यमपुरुषः |
कृषीष्ठाः |
कृषीयास्थाम् |
कृषीढ्वम् |
उत्तमपुरुषः |
कृषीय |
कृषीवहि |
कृषीमहि |
लुङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकृत |
अकृषाताम् |
अकृषत |
मध्यमपुरुषः |
अकृथाः |
अकृषाथाम् |
अकृढ्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकृषि |
अकृष्वहि |
अकृष्महि |
लृङ्लकारः (आत्मनेपदम्)
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकरिष्यत |
अकरिष्येताम् |
अकरिष्यन्त |
मध्यमपुरुषः |
अकरिष्यथाः |
अकरिष्येथाम् |
अकरिष्यध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकरिष्ये |
अकरिष्यावहि |
अकरिष्यामहि |