संस्कृत धातुरूप - गृञ्ज् (Samskrit Dhaturoop - gRRi~nj)
गृञ्ज्
लट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | गृञ्जति | गृञ्जतः | गृञ्जन्ति |
मध्यमपुरुषः | गृञ्जसि | गृञ्जथः | गृञ्जथ |
उत्तमपुरुषः | गृञ्जामि | गृञ्जावः | गृञ्जामः |
लिट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | जगृञ्ज | जगृञ्जतुः | जगृञ्जुः |
मध्यमपुरुषः | जगृञ्जिथ | जगृञ्जथुः | जगृञ्ज |
उत्तमपुरुषः | जगृञ्ज | जगृञ्जिव | जगृञ्जिम |
लुट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | गृञ्जिता | गृञ्जितारौ | गृञ्जितारः |
मध्यमपुरुषः | गृञ्जितासि | गृञ्जितास्थः | गृञ्जितास्थ |
उत्तमपुरुषः | गृञ्जितास्मि | गृञ्जितास्वः | गृञ्जितास्मः |
लृट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | गृञ्जिष्यति | गृञ्जिष्यतः | गृञ्जिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः | गृञ्जिष्यसि | गृञ्जिष्यथः | गृञ्जिष्यथ |
उत्तमपुरुषः | गृञ्जिष्यामि | गृञ्जिष्यावः | गृञ्जिष्यामः |
लोट्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | गृञ्जतात्, गृञ्जताद्, गृञ्जतु | गृञ्जताम् | गृञ्जन्तु |
मध्यमपुरुषः | गृञ्ज, गृञ्जतात्, गृञ्जताद् | गृञ्जतम् | गृञ्जत |
उत्तमपुरुषः | गृञ्जानि | गृञ्जाव | गृञ्जाम |
लङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | अगृञ्जत्, अगृञ्जद् | अगृञ्जताम् | अगृञ्जन् |
मध्यमपुरुषः | अगृञ्जः | अगृञ्जतम् | अगृञ्जत |
उत्तमपुरुषः | अगृञ्जम् | अगृञ्जाव | अगृञ्जाम |
विधिलिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | गृञ्जेत्, गृञ्जेद् | गृञ्जेताम् | गृञ्जेयुः |
मध्यमपुरुषः | गृञ्जेः | गृञ्जेतम् | गृञ्जेत |
उत्तमपुरुषः | गृञ्जेयम् | गृञ्जेव | गृञ्जेम |
आशीर्लिङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | गृञ्ज्यात्, गृञ्ज्याद् | गृञ्ज्यास्ताम् | गृञ्ज्यासुः |
मध्यमपुरुषः | गृञ्ज्याः | गृञ्ज्यास्तम् | गृञ्ज्यास्त |
उत्तमपुरुषः | गृञ्ज्यासम् | गृञ्ज्यास्व | गृञ्ज्यास्म |
लुङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
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प्रथमपुरुषः | अगृञ्जीत्, अगृञ्जीद् | अगृञ्जिष्टाम् | अगृञ्जिषुः |
मध्यमपुरुषः | अगृञ्जीः | अगृञ्जिष्टम् | अगृञ्जिष्ट |
उत्तमपुरुषः | अगृञ्जिषम् | अगृञ्जिष्व | अगृञ्जिष्म |
लृङ्लकारः (परस्मैपदम्)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | अगृञ्जिष्यत्, अगृञ्जिष्यद् | अगृञ्जिष्यताम् | अगृञ्जिष्यन् |
मध्यमपुरुषः | अगृञ्जिष्यः | अगृञ्जिष्यतम् | अगृञ्जिष्यत |
उत्तमपुरुषः | अगृञ्जिष्यम् | अगृञ्जिष्याव | अगृञ्जिष्याम |