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संस्कृत रचना - पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि (Samskrit text - पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि)

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि ।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते

हिन्दी में अर्थ

हे कमल के आसन पर विराजमान, परब्रह्म स्वरूप देवि ! हे परमेश्वरि ! हे जगदम्बा ! हे महालक्ष्मि ! आपको मेरा प्रणाम है ॥

Meaning in English

My salutations to Devi Mahalakshmi (the great Lakshmi) who is seated on a lotus, is the embodiment of the transcendent and infinite Brahmana, is the Supreme Goddess and is the mother of the universe.