संस्कृत रचना - धर्मेण हीना पशुभिः समानाः (Samskrit text - धर्मेण हीना पशुभिः समानाः)
धर्मेण हीना पशुभिः समानाः
आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम् ।
धर्मो हि तेषामधिको विशेष: धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः ॥
हिन्दी में अर्थ
आहार, निद्रा, भय और मैथुन – ये तो मनुष्य (इंसान) और पशु में समान है ।
मानव (इंसान) में विशेष केवल धर्म है, अर्थात् बिना धर्म के लोग पशुतुल्य है ।
Meaning in English
Eating sleep, fear and Copulation. these habits are common between human beings and animals. It is Dharma ( Here Dharma Represent Knowledge not different religion / Right conduct) which is additional important quality of human beings, without which he is same as an animal.